भारत, चीन की पहली अंतरराष्ट्रीय आयात प्रदर्शनी में प्रतिभाग करेगा. यह प्रदर्शनी शंघाई में सोमवार (5 नवंबर) से शुरू हुई और छह दिन तक चलेगी. अधिकारियों ने बताया कि चीन के न्‍योते को स्‍वीकार कर लिया गया है. भारत इसमें हिस्‍सा लेगा. यह प्रदर्शनी दुनिया की सबसे बड़ी व्यापार प्रदर्शनी बतायी जा रही है. इसमें 130 देशों की 3000 से अधिक कंपनियों के भाग लेने की संभावना है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान समेत 18 देशों के नेता इस समारोह में शामिल होंगे.

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द्विपक्षीय वार्षिक व्यापार में चीन के साथ भारत 51 अरब डॉलर के व्यापार घाटे का सामना कर रहा है और इसे कम करने का प्रयास कर रहा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसका उद्घाटन करेंगे.  

भारतीय दल का नेतृत्व वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान करेंगे. भारतीय निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन्स (फियो) ने सरकारी एजेंसियों के साथ मिल कर प्रदर्शनी स्थल पर भारतीय मंडप तैयार किया है. 

शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूत अनिल कुमार राय ने कहा कि इस प्रदर्शनी में भारत को अपने ऐसे उत्पाद प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा जिनका वह निर्यात करने की मजबूत स्थिति में है.

पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वित्त मंत्री असद उमर, वाणिज्य एवं व्यापार मामलों के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद, रेल मंत्री शेख रशीद और अन्य भी यात्रा पर आए हैं. 

खान की यात्रा ने यहां काफी दिलचस्पी पैदा की है, क्योंकि यह ऐसे समय हो रही है जब वह अतीत में 50 अरब डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना की आलोचना कर चुके हैं और उनके कई मंत्री कर्ज को लेकर चिंता की वजह से परियोजना में कुछ कटौती की बात कह चुके हैं.