भारत से कारोबारी 'दुश्मनी' पाकिस्तान को कितनी महंगी पड़ेगी, इसका अंदाजा शायद उसे नहीं था. यही वजह है कि धारा 370 के विरोध में उसने भारत के साथ कारोबारी रिश्ते तो खत्म कर दिए. लेकिन, अपने घर में बढ़ती कंगाली को रोकने का कोई ठोस विकल्प नहीं मिला. पाकिस्तान पहले ही कंगाली से जूझ रहा है. बढ़ती महंगाई वहां की आवाम के लिए नासूर बन गई है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

थाली से सब्जी गायब है. दूध की बूंद-बूंद के लिए वो तरस रहा है. पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने महंगाई को और हवा दी है. वहीं, अब सोना खरीदना भी वहां की आवाम के बस से बाहर है. सोने के दाम लगातर बढ़ रहे हैं और उस पर पाकिस्तानी सरकार भी काबू पाने में नाकाम है. आलम ये है कि प्रति 10 ग्राम सोने की कीमतें भारत के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा हो चुकी हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमराने की कगार पर है.

भारत से दोगुनी से ज्यादा कीमत पर पाकिस्तानी सोना 

भयानक कर्ज में डूबा पाकिस्तान पूरी तरह बेबस हो चुका है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद अब सोने की कीमतें सबेस उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. भारत के साथ कारोबारी दुश्मनी उसे इतनी महंगी पड़ी कि सोने के दाम 1750 रुपए चढ़ गए. भारत में जहां 10 ग्राम सोने की कीमत 37920 रुपए प्रति दस ग्राम है. वहीं, पाकिस्तान में इस समय सोने की कीमत 86,250 पाकिस्तानी रुपए प्रति दस ग्राम है. भारत के मुकाबले ये कीमतें दोगुनी से भी ज्यादा हैं

क्यों बढ़ रही हैं पाकिस्तान में सोने की कीमतें

पाकिस्तान की वेबसाइट डॉन में छपी खबर के मुताबिक, दुनियाभर में सोने की कीमतें बढ़ रही हैं. इसका असर पाकिस्तान पर भी है. लेकिन, सबसे अहम वजह है पाकिस्तानी रुपया, जो बुरी तरह लड़खड़ाया हुआ है. ऑल सिंध सर्राफा ज्वेलर्स एसोसिएशन (ASSJA) के मुताबिक, ग्लोबल बाजारों में सोने की कीमतें 32 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 1,495 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई हैं. पाकिस्तानी रुपये की कमजोरी ने सोने की कीमतों को और हवा दी. 

IMF ने भी दी फंड रोकने की चेतावनी

एक तरफ पाकिस्तान आंतरिक महंगाई से जूझ रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF) ने उसकी टेंशन और बढ़ा दी हैं. IMF ने चेतावनी दी है कि अगर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान बाहर नहीं आता है तो उसके लिए अर्थव्यवस्था को संभालना बेहद मुश्किल होगा. साथ ही, उसके लिए पैसे जुटाना अंसभव हो जाएगा. बता दें FATF वही संस्था है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली आतंकी फंडिंग पर नजर रखती है. FATF ने 27 में से 25 कार्रवाई बिंदुओं पर पाकिस्तान को फेल किया है. 

पाकिस्तान को नहीं मिलेगा एक भी पैसा

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ( FATF) की  कार्रवाई के बाद IMF, विश्व बैंक और यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को डाउनग्रेड करेंगे. इसका नतीजा यह होगा कि उसकी आर्थिक स्थिति और खराब होने की संभावना है. साथ ही IMF ने इशारा दिया है कि उसकी फंडिंग रोकी जा सकती है. लगातार घटती जीडीपी और कच्चे तेल की बढ़ती कीमत के कारण देश के आर्थिक हालात बद से बदतर हो चुके है.

दिवालिया होने की कगार पर पाकिस्तान

पाकिस्तान की हालत इतनी बदतर है कि वहां का बजट घाटा साल 1990 के बराबर पहुंच चुका है. उस वक्त देश लगभग दिवालिया हो गया था. पाकिस्तानी रुपया एक साल में 40 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. पूरे एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करंसी पाकिस्तानी रुपया है.