भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर जबावी शुल्क लगाने की समयसीमा 16 मई तक फिर टाली
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि अमेरिका से आयातित विशेष उत्पादों पर बढ़े सीमा शुल्क को लागू करने की तिथि को दो मई से बढ़ाकर 16 मई कर दिया गया है.
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और भारत के वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के बीच 6 मई को द्विपक्षीय बैठक होनी है. (फाइल फोटो)
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और भारत के वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के बीच 6 मई को द्विपक्षीय बैठक होनी है. (फाइल फोटो)
भारत ने अमेरिका से आयात किए जाने वाले बादाम, अखरोट और दालों समेत 29 उत्पादों पर जवाबी आयात शुल्क लगाने की समय सीमा को एक बार फिर बढ़ाकर 16 मई कर दिया है. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि अमेरिका से आयातित विशेष उत्पादों पर बढ़े सीमा शुल्क को लागू करने की तिथि को दो मई से बढ़ाकर 16 मई कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि अमेरिका के इस्पात और एल्युमीनियम पर उच्च सीमा शुल्क लगाने के बाद भारत ने जून 2018 में जवाबी शुल्क लगाने का फैसला किया था. तब से लेकर कई बार समय सीमा को बढ़ाया जा चुका है.
यह विस्तार ऐसे समय दिया गया है कि जब अमेरिका व्यापार के लिए सामान्य तरजीही व्यवस्था (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत भारतीय निर्यातकों को मिलने वाले निर्यात प्रोत्साहनों को वापस लेने की तैयारी में है. अमेरिका ने जीएसपी के तहत मिलने वाली लाभों को वापस लेने के लिए 60 दिन की अवधि तय की थी. यह अवधि इस हफ्ते खत्म हो रही है.
हाल में अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और भारत के वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के बीच व्यापार से जुड़े मुद्दों पर 6 मई को द्विपक्षीय बैठक होने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक , यदि अमेरिका जीएसपी लाभ समाप्त करता है तो भारत उस पर जवाबी शुल्क लगाने के फैसले पर आगे बढ़ सकता है.
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि प्रशासन को इस तरह पर ध्यान देने की जरूरत है कि भारत बड़ी संख्या में अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत से अधिक का शुल्क वसूल रहा है.
ट्रंप ने शनिवार को लॉस वेगास में अपने प्रशासन को कहा कि भारत हमसे काफी ज्यादा शुल्क वसूल कर रहा है। महान देश, महान दोस्त, प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी कई चीजों के लिए हमसे 100 प्रतिशत से अधिक शुल्क वसूल रहे हैं उन्होंने दावा किया कि वहीं अमेरिका द्वारा भारत के ऐसे उत्पादों पर कुछ भी शुल्क नहीं लिया जा रहा। इस तरह के कारोबार से अमेरिका को घाटा हो रहा है.
05:49 PM IST