दुनिया को टक्कर देने के लिए तैयार करने होंगे सबसे बड़े ब्रांड : नीति आयोग
दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा विकास दर वाले देश भारत की कंपनियां वैश्विक बाजारों में अपनी पैठ बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अमिताभ कांत ने यहां शुक्रवार को कहा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा विकास दर वाले देश भारत की कंपनियां वैश्विक बाजारों में अपनी पैठ बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं, ऐसे में भारत को विश्व स्तर पर पहचान रखने वाले ग्लोबल सुपर ब्रांड्स बनाने चाहिए.
उन्होंने सुपरब्रांड्स अवार्ड समारोह में यह बात कही. कांत ने कहा, "वैश्विक स्तर पर भारतीय ब्रांड्स की जागरूकता और स्वीकृति बनाने के लिए, हमारी जबरदस्त क्षमता के बावजूद, ऐसा करना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. जबकि भारत को योग, बॉलीवुड और क्रिकेट के लिए वैश्विक जागरूकता पैदा करने में सफलता मिली है, जो वैश्विक ब्रांड बिल्डिंग के महान उदाहरण हैं, हमें वैश्विक उपभोक्ता ब्रांड बनने के लिए भारतीय ब्रांडों को लोकप्रिय बनाने के कई और प्रयासों की जरूरत है. मुझे लगता है कि वैश्विक स्तर पर ब्रांड बनाने के लिए संपूर्णता, जुनून, संसाधन और उत्कृष्टता जरूरी है."
सुपरब्रांड्स इंडिया एफएमसीजी, ऑटो, हेल्थकेयर, लॉजिस्टिक्स, सीमेंट और रिटेल समेत क्षेत्रों में असाधारण ब्रांड्स को सम्मान प्रदान करता है. इस वर्ष कुल 56 ब्रांड्स को सुपरब्रांड अवॉर्डस प्राप्त हुए.
इस मौके पर सुपरब्रांड्स इंडिया की सीएमडी गीतांजलि आनंद ने कहा, "भारतीय ब्रांडिंग लगातार इनोवेशंस कर रही हैं और आज के दौर में डिजिटल ब्रांडिंग अब पारंपरिक ब्रांडिंग से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. भारत में आज सभी क्षेत्रों में ब्रांडिंग लगातार विकसित हो रही है." सुपरब्रांड्स इंडिया सुपरब्रांड्स वल्र्डवाइड का लाइसेंसधारी है, जो 86 देशों में संचालित है. इसे वर्ष 2002 में अनमोल डार द्वारा भारत में लांच किया गया था.
इनपुट एजेंसी से