ईरान (Iran) से कच्चा तेल (Crude) खरीदने पर अमेरिकी प्रतिबंधों से मिली 6 माह की छूट खत्म होने के बाद भारत ने कहा है कि वह देश की ऊर्जा सुरक्षा, वाणिज्यिक, आर्थिक हितों जैसे 3 पहलुओं के आधार पर इस मुद्दे का समाधान निकालेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत इस संबंध में अमेरिका के निर्णय से पड़ने वाले प्रभाव से निपटने के लिए तैयार है.

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पिछले महीने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित 8 देशों को ईरान से तेल खरीदने को लेकर दी गई छूट की अवधि को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया था. कुमार ने बताया, 'पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए ठोस कार्यक्रम के मुताबिक अन्य प्रमुख तेल उत्पादक देशों की ओर से अतिरिक्त आपूर्ति की जाएगी.' 

कुमार से जब पूछा गया कि क्या भारत अब अमेरिकी प्रतिबंधों को मानते हुए ईरान से तेल के आयात को 'शून्य' स्तर पर लाएगा तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया.

कुमार ने कहा, 'सीधा जवाब देना कठिन होगा... मैं यह जरूर दोहराऊंगा कि कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए फैसला किया जाएगा. ऊर्जा सुरक्षा उनमें से एक है. इसके अलावा वाणिज्यिक हित दूसरे स्थान पर आता है और आर्थिक सुरक्षा से जुड़े हित तीसरे स्थान पर.' 

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 28 मई को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत, ईरान के साथ व्यापार जारी रखेगा क्योंकि वह केवल संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाये गए प्रतिबंधों को मानता है.