भारत ने अमरीका के साथ अच्छे संबध और अमरीकी अर्थव्यवस्था (American economy) में एच-1बी वीजा धारकों (H1B Visaholders) के योगदान की काफी तारीफ की है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय संबंधों आगे बढ़ाने और रिश्तों को मजबूत करने के लिए बातचीत की है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबध होने चाहिए. साथ ही किसी को भी भेदभाव नहीं करना चाहिए. 

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सम्मेलन में शामिल हुए माइक पॉम्पियो 

अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि लोगों के बीच आपसी रिश्तों का दोनों देशों की दोस्ती में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमरीका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी उपस्थित थे. 

जयशंकर ने कहा कि भारतीयों पर है गर्व

जयशंकर ने कहा हमें अमरीका में भारतीयों और भारतीय अमरीकियों की उपलब्धियों पर गर्व है. इसके साथ ही अमरीकी समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीति में किए गए योगदान पर भी नाज है. वह बोले कि लोगों का उचित और बिना किसी भेदभाव से स्वागत करना सभी के लिए काफी खुशी की बात है. 

अमरीका के साथ करेगा काम

जयशंकर ने कहा कि इन संबंधों को आगे बढ़ाने और बेहतर बनाए रखने के लिए भारत अमरीका के साथ काम करने का इच्छुक है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने एक दूसरे के संबंधित पक्षों के बीच बेहतर समझ और जागरूकता बनाए रखने की दिशा में कदम उठाने पर सहमति जताई है. 

अफगानिस्तान को मिलेगी मदद

उन्होंने इस अवसर पर चाबहार बंदरगाह परियोजना के लिए अमरीका का समर्थन दिय जाने को लेकर पॉम्पियो की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से अफगानिस्तान को काफी मदद मिलेगी. 

व्यापार मुद्दे पर चल रही बात

भारत और अमरीका के बीच व्यापार के मुद्दे पर चल रही बातचीत को लेकर उन्होंने विश्वास जताया कि इसका संतुलित परिणाम सामने आयेगा जिससे दोनों पक्ष संतुष्ट होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच जल संसाधन को लेकर भी एक समझौता हुआ है. यह समझौता हमारे मंत्रालय और अमेरिका के भूविज्ञान सर्वे के बीच जल प्रबंधन के क्षेत्र में गुणवत्ता परखने और सहयोग को लेकर हुआ है. 

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बेहतर दिशा में काम कर रहे दोनों देश

पॉम्पियो ने इस अवसर पर कहा कि अमरीका और भारत बेहतर और एक दूसरे का ध्यान रखने वाले व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं. पिछले 24 महीने के दौरान अमरीका से भारत को कच्चे तेल और एलएनजी के निर्यात में 6 अरब डालर से अधिक की वृद्धि हुई है. यह अमरीका और भारत दोनों के लिए अच्छा है.