क्या है 66 बच्चों की मौत का कफ सिरप कनेक्शन, ये सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे आप
WHO के मुताबिक चारों प्रोडक्ट्स में diethylene glycol और ethylene glycol का इस्तेमाल तय मानकों से ज्यादा हुआ है. खास बात यह है कि diethylene glycol और ethylene glycol कंपाउंड की दवाओं का इस्तेमाल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में बैन है.
अफ्रीकी देश गाम्बिया (Gambia) दवाई खाने से 66 बच्चों की जान चली गई. ये दवाई भारतीय कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स (Maiden Pharmaceuticals) ने बनाई थी. बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कंपनी की चार दवाईयों को न खाने की बात कही है. मामला सामने आने और WHO के अलर्ट के बाद भारत सरकार भी एक्शन में आ गई है. फार्मा रेगुलेटर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मामले की जांच में जुट गया है.
क्या है बच्चों के मौत का मामला?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गाम्बिया में हुई दुर्घटना के बाद अलर्ट जारी करते हुए कहा कि प्रोमेथजाइन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मेकआफ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैगरिप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup) के इस्तेमाल न करने को कहा है. WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने बुधवार को कहा कि बच्चों की मौत गुर्दों की हालत बेहद खराब हो जाने की वजह से हुई है.
भारत में बिक रहीं खतरनाक कंपाउंड वाले दवाईयां
WHO के मुताबिक चारों प्रोडक्ट्स में diethylene glycol और ethylene glycol का इस्तेमाल तय मानकों से ज्यादा हुआ है. खास बात यह है कि diethylene glycol और ethylene glycol कंपाउंड की दवाओं का इस्तेमाल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में बैन है, लेकिन भारत में इन केमिकल कंपाउंड पर रोक नहीं है. जबकि इसकी वजह से 1986 में मुंबई और 2020 में जम्मू-कश्मीर में इसी तरह के दवाओं से कई मरीजों की जान जा चुकी है.
WHO की चिंता, अन्य देशों तक न पहुंचे ये दवा
फिलहाल WHO की चिंता यह है कि ये प्रोडक्ट अभी सिर्फ गाम्बिया में पाए गए हैं. लेकिन इन प्रोडक्ट्स को इंफॉर्मल मार्केट के जरिए अन्य देशों या क्षेत्रों में डिस्ट्रिब्युट होने की आशंका है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रोडक्ट्स के सभी बैच को असुरक्षित कैटेगरी में ही रखा गया है, जब तक कि प्रोडक्ट्स पर नेशनल रेगुलेटरी अथॉरिटी अपनी रिपोर्ट न जारी कर दे. संगठन ने कहा कि वह कंपनी और भारतीय रेगुलेटरी अथॉरिटी के साथ मिलकर जांच कर रही है.
भारत में फार्मा कंपनी की जांच शुरू
मामले को देखते हुए भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी एक्शन में आ गया है. फार्मा की जांच के लिए DCGI और हरियाणा रेगुलेटरी अथॉरिटी मिलकर काम कर रही हैं. बता दें कि चारों दवाईयां मेडेन फार्मास्युटिकल्स (Maiden Pharmaceuticals) ने बनाई है. कंपनी हरियाणा के सोनीपत में स्थित है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक फार्मा कंपनी ने केवल गाम्बिया में ही प्रोडक्ट्स को एक्सपोर्ट किया है. हालांकि, WHO ने अलर्ट किया है कि सिरप को पश्चिमी अफ्रीकी देश के बाहर भी भेजा गया है.