मिस्र (Egypt) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के नेतृत्व में एक सुधार कार्यक्रम के तहत 15 जून से अधिकतर ईंधनों पर सब्सिडी समाप्त करने की राह पर है. मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को 2011 में अपदस्थ करने वाले विद्रोह के बाद से राजनीतिक अस्थिरता एवं सुरक्षा संबंधी खतरों के कारण मिस्र की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है.

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आईएमएफ ने एक रिपोर्ट में कहा कि काहिरा को आईएमएफ ने 2016 में 3 साल के लिए 12 अरब डॉलर का कर्ज दिया था. मिस्र के प्राधिकारी पम्प पर कीमतों को सीमित करने की खातिर दी गई सब्सिडी को समाप्त करने के लिए ‘‘प्रतिबद्ध’’ है.

आईएमएफ ने कहा कि सब्सिडी में कटौती करना ‘‘अधिक उपयुक्त ऊर्जा इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने और उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर खर्च बढ़ाने’’ के लिए अहम है.

मिस्र में जीडीपी के मुकाबले राजकोषीय बजट घाटा 10.9 फीसदी है. वित्‍त वर्ष 2018-2019 में मिस्र की अर्थव्यवस्था के 3.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया गया था. लेकिन आर्थिक अस्थिरता के कारण उसकी अर्थव्यवस्था कई तरह के संकट में है.