विजय माल्या के लिए शुरू हुआ 'बैड टाइम', लंदन में लगा बड़ा झटका, खतरे में आलीशान बंगला
भारत सरकार ब्रिटेन से माल्या का प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रही है. भारत में माल्या की कई संपत्तियां भी जब्त हो चुकी हैं.
किंग ऑफ गुड टाइम्स और शराब कारोबारी विजय माल्या का बैड टाइम शुरू हो गया है. सरकारी बैंकों का कर्ज लेकर फरार हुए विजय माल्या को अब ब्रिटेन में बड़ा झटका लगा है. लंदन के पॉश इलाके में स्थित अपने आलीशान घर से उन्हें हाथ धोना पड़ सकता है. स्विस बैंक यूबीएस द्वारा कर्ज की वसूली के लिए जब्ती की कार्रवाई के खिलाफ माल्या की कानूनी टीम द्वारा दी गई सभी दलीलों को यूके हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. बैंक ने गिरवी रखकर लिए गए 20.4 मिलियन पाउंड के कर्ज की अदायगी नहीं करने पर सेन्ट्रल लंदन के कॉर्नवॉल टेरेस स्थित संपत्ति को जब्त करने की मांग की थी.
गौरतलब है कि भारत सरकार ब्रिटेन से माल्या का प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रही है. भारत में माल्या की कई संपत्तियां भी जब्त हो चुकी हैं. अब इस कारोबारी के हाथ से लंदन का घर भी निकलता दिख रहा है. इस संपत्ति को यूके हाई कोर्ट में डॉ विजय माल्या, उनके परिवार और यूनाइटेड ब्रूवरीज ग्रुप कॉर्पोरेट गेस्ट के लिए उच्च वर्ग का मकान बताया गया था.
अगले साल मई में होगी अगली सुनवाई
हालांकि, इस मामले में सुनवाई अगले वर्ष मई में तय है. हाई कोर्ट ने यूबीएस की अर्जी के पक्ष में फैसला दिया. वहीं, यूबीएस ने अपने बयान में कहा, ‘‘यूबीएस निर्णय से खुश है. यह देखते हुए कि कार्रवाई चल रही है ऐसे में कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.’’
गोल्डन टॉयलेट भी हाथ से निकलेगा
आपको बता दें कि लंदन स्थित कॉर्नवॉल टेरेस स्थित विजय माल्या के घर में एक गोल्डन टॉइलट सीट भी है. ऐसे में अब यह सीट भी यूबीएस बैंक के अधिकार में जा सकती है. माल्या अपना घर यूबीएस द्वारा अधिकार में लिए जाने से बचाने को कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे.
मुंबई कोर्ट से भी झटका
बंबई उच्च न्यायालय से भी कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है. गुरुवार को बंबई कोर्ट ने माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उनकी संपत्तियां जब्त करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आग्रह पर रोक की मांग की गई थी. ईडी ने विशेष पीएमएलए अदालत के सामने एक याचिका दायर करके माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून, 2018 के तहत ‘भगोड़ा’ घोषित करने का अनुरोध किया था.
26 नवंबर को होगी सुनवाई
कानून के प्रावधानों के तहत, किसी व्यक्ति के एक बार भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने के बाद अभियोजन एजेंसी के पास आरोपी की संपत्तियों को जब्त करने की शक्तियां आ जाती हैं. माल्या ने निचली अदालत में आवेदन दायर करके ईडी की याचिका पर सुनवाई पर 26 नवंबर तक रोक का अनुरोध किया था. 26 नवंबर को पीएमएलए के तहत संचालित अपीलीय न्यायाधिकरण बैंकों के परिसंघ द्वारा उनका बकाया वापस पाने के लिए दायर मामलों की सुनवाई करेगी.
(इनपुट एजेंसी)
कार्यवाही से भाग रहे विजय माल्या?
विशेष अदालत ने 30 अक्टूबर को माल्या का आवदेन खारिज किया था, जिसके बाद शराब कारोबारी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. माल्या के वकील अमित देसाई ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति आर एम सावंत और न्यायमूर्ति वी के जाधव की खंडपीठ से कहा कि उनकी याचिकाओं को कार्यवाही से भागने का प्रयास नहीं माना जाना चाहिए.
देसाई ने कहा कि हम भी बकाया चुकाने को लेकर चिंतित हैं और देखना चाहते हैं कि धनदाताओं को उनका बकाया वापस मिले. हम केवल इतना चाहते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संपत्तियां जब्त नहीं हों क्योंकि यह बकाया चुकाने की प्रक्रिया को प्रभावित करेगा. हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि वह कोई राहत देने के पक्ष में नहीं है.