Davos 2020: एयर इंडिया को खरीदने, हवाई किराया घटाने पर क्या बोले अजय सिंह? पढ़ें पूरा इंटरव्यू
स्विट्जरलैंड के दावोस में दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक पंचायत 'वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम' की 50वीं बैठक जारी है. ज़ी बिज़नेस भी सीधे दावोस से पल-पल के अपडेट आप तक पहुंचा रहा है.
स्विट्जरलैंड के दावोस में दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक पंचायत 'वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम' की 50वीं बैठक जारी है. ज़ी बिज़नेस भी सीधे दावोस से पल-पल के अपडेट आप तक पहुंचा रहा है. दावोस में ज़ी बिज़नेस की एग्जिक्यूटिव एडिटर स्वाति खंडेलवाल लगातार कॉरपोरेट चेहरों से बात कर रही हैं. साथ ही जानने की कोशिश कर रही हैं कि बजट (#BUDGET2020ZEE) को लेकर कॉरपोरेट्स की क्या उम्मीदें हैं.
ज़ी बिज़नेस (#ZeeBusinessatDavos) भी दावोस से लग्जरी कार सेगमेंट की लीडिंग कंपनी मर्सिडीज के सहयोग से आपके लिए सीधे पल-पल की रिपोर्ट लाएगा. 24 जनवरी तक होने वाली इस बैठक का हर एक्शन आप लाइव देख सकेंगे सिर्फ ज़ी बिज़नेस पर.
स्वाति खंडेलवाल ने कॉरपोरेट्स से बातचीत की कड़ी में गुरुवार को स्पाइसजेट के CMD अजय सिंह से बात की. पढ़िए पूरा इंटरव्यू
सवाल: दावोस में चल रही बैठक में इस बार की थीम क्लाइमेंट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग है. पूरी दुनिया को ग्लोबल वॉर्मिंग के बदलते पैटर्न में साथ मिलकर लड़ना है. ऐसे में इंडिया का रोल यहां क्या होगा?
अजय सिंह: भारत उभरती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है. दुनिया जानना चाहती है कि भारत ग्लोबल वॉर्मिंग पर क्या स्टैंड लेता है. भारत का इसे लेकर अपना दृष्टिकोण है. क्योंकि, इतने वर्षों में दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने अपना डेवलपमेंट कर लिया और अब हमसे चाहते हैं कि ग्रीन हाउस गैसेस कम कीजिए. ऐसे में ये हमारा डेवलपमेंट रोक रहे हैं. लेकिन, जिस तरह से इंडिया आगे बढ़ रहा है और इंडिया ने जिस तरह से सोलर एलायंस पर पहल की है. साथ ही एविएशन सेक्टर में भी प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं. सस्टेंनेबल फ्यूल की तरफ फोकस बढ़ रहा है. दुनिया में सभी एविएशन कंपनियां इस फ्यूल की तरफ अपना रुख करना चाहती हैं. साथ ही मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भी अपनी टेक्नोलॉजी में सुधार करना होगा, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके.
सवाल: इंडिया की इकोनॉमी को लेकर भी बहुत सवाल है. GDP और मैन्युफैक्चरिंग के नंबर भी निराशाजनक रहे हैं. बजट भी पास है. बहुत उम्मीद है कि कुछ ऐसे कदम उठाए जाएं तो कंजमशन ग्रोथ वापस पटरी पर लौटे. आपकी बजट से क्या उम्मीदें हैं?
अजय सिंह: दुनिया की आशा है कि भारत की ग्रोथ रिवाइव हो. ग्रोथ 7-8 फीसदी 10 फीसदी तक जाए. क्योंकि, ग्लोबल ग्रोथ भी भारतीय ग्रोथ पर निर्भर है. सरकार की पूरी कोशिश है. पिछले कुछ वक्त में ठोस कदम उठाए गए हैं. बजट में भी कुछ ठोस ऐलान हो सकते हैं. इन्वेस्टमेंट की बहुत जरूरत है. सरकार को निवेश करना है. फिस्कल डेफिसिट पर फिलहाल ध्यान नहीं देंगे. थोड़ा पैसा इन्वेस्टमेंट की तरफ बढ़ाना होगा. रेगुलेशन भी काफी हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार हुआ है. लेकिन, रेगुलेशन में अभी भी सुधार होना जरूरी है. बैंकों की तरफ से लैंडिंग नहीं है उसे दोबारा शुरू करने की जरूरत है. सिर्फ ब्लू चिप कंपनियों या सरकार को फंड करने से इकोनॉमी नहीं बढ़ेगी. लैंडिंग वहां भी जरूरी है जहां मार्जिनल बिजनेस है. ट्रस्ट का माहौल बनाना जरूरी है.
सवाल: इंडियन एविएशन सेक्टर के बढ़ने की संभावनाएं बहुत ज्यादा है. एविएशन सेक्टर के क्या चैलेंज हैं. टैक्सेशन फ्रंट पर क्या दिक्कतें हैं? डिमांड कैसी है, लोड फैक्टर कैसा है. 2020 को अपनी कंपनी और एविएशन सेक्टर के लिहाज से कैसा देखते हैं?
अजय सिंह: एविएशन में थोड़ा स्लोडाउन हुआ है. बोइंग के जहाज नहीं आ पाए. स्पाइसजेट के पास वाहन नहीं पहुंचे. एयरबस के विमानों में थोड़ी दिक्कत आई. प्रोडक्शन को लेकर दिक्कत आई. आने वाले कुछ दशकों में ग्रोथ तो बहुत होगी. ऐसे कई कदम हैं, जो उठाने होंगे. किसी भी सेक्टर में टैक्स इतना हाई हो और किराया इतना कम हो तो वो सेक्टर कामयाब नहीं हो सकता. ऐसे में टैक्स को इंटरनेशनल बेंचमार्क के लिहाज से सेट करना पड़ेगा. कॉस्ट को कम करना होगा. फ्यूल पर 35 फीसदी टैक्स है. किसी देश में इतना टैक्स नहीं है. इतने टैक्स पर फ्यूल देंगे तो फायदा नहीं होगा. थ्रू पुट चार्ज हटने से फायदा होगा. कई तरह के चार्जेज हैं, उसे हटाने की जरूरत है.
सवाल: एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन होना है. स्पाइसजेट क्या एयर इंडिया के बिड में हिस्सा लेगी?
अजय सिंह: यह सवाल आपने पहले भी पूछा था, पहले भी यही कहा था कि हमारी एयरलाइन बहुत छोटी सी है. एयर इंडिया एक बहुत बड़ी संस्था है. हमारे में इतनी शक्ति नहीं है कि एयर इंडिया को खरीद सकें.
सवाल: किसी के साथ पार्टनरशिप में भी क्या एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी है?
अजय सिंह: पहले एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट आने दीजिए. इस पूरे प्रोसेस में कई कठिनाइयां हैं. लेकिन, जो भी इसे खरीदता है उसके पास एक अवसर भी है. किस रूप में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट आता है. कितना डेट सरकार पास कर रही है और क्या-क्या कंडिशन हैं.
सवाल: आपका कतर के साथ को-शेयर है? काफी कुछ साथ मिलकर कर रहे हैं. क्या FDI को लेकर कोई प्लान है?
जवाब: एमिरेट्स और गल्फ एयर के साथ हमारा करार है. अभी सिर्फ हम ट्रैफिक एक्सचेंज की ही कोशिश कर रहे हैं. FDI को लेकर कोई प्लान नहीं हुई है. उन विषयों पर कोई चर्चा नहीं हुई है. आने वाले समय में पार्टनरशिप काफी जरूरी होगी. भारत के ईस्ट और वेस्ट दोनों तरफ पार्टनरशिप करनी चाहिए. जब तक हमारे पास वो काबिलियत नहीं कि हम सीधे अपने पैसेंजर्स को दूसरे देशों में ले जा सकें. आने वाले समय में वो वक्त आएगा जब अपने पैसेंजर्स को डायरेक्ट ले जाएंगे. तब तक पार्टनरशिप के जरिए ही अपने पैसेंजर को विश्वभर में ले जा सकें.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
सवाल: 2020 स्पाइसजेट के लिए कितनी महत्वपूर्ण रहेगा. क्या ग्रोथ ड्राइवर्स होंगे. क्या कुछ नया करेंगे?
अजय सिंह: स्पाइसजेट के लिए काफी अहम वर्ष है. 200 मैक्स जहाज का ऑर्डर दिया था. 15 मार्च 2019 से विमान जमीन पर हैं. कुल 28 विमान ऐसे हैं, जो जमीन पर हैं और उन्हें उड़ाना बहुत जरूरी है. दूसरे विमान भी इस साल डिलिवर होंगे. 2020 के जून-जुलाई में विमान वापस आएंगे. इनके वापस आने से ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही लॉजिटिक्स की कंपनी स्पाइस एक्सप्रेस खड़ी कर रहे हैं, इस पर पूरा फोकस रहेगा.