कर्ज की वजह से डूब जाएगा पाकिस्तान, मूडीज ने दी चेतावनी- और खराब होंगे हालात
मूडीज ने कहा है कि विदेशी कर्ज की वजह से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है. मूडीज ने पाकिस्तान को उन देशों की लिस्ट में शामिल किया है, जिनकी कर्ज चुकाने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो रही है.
दुनिया भर के देशों की आर्थिक स्थिति पर नजर रखने वाली रेटिेंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है. मूडीज ने कहा है कि विदेशी कर्ज की वजह से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है. मूडीज ने पाकिस्तान को उन देशों की लिस्ट में शामिल किया है, जिनकी कर्ज चुकाने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो रही है. साथ ही अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का असर भी सबसे ज्यादा पाकिस्तान पर देखने को मिल सकता है. मूडीज का कहना है कि बढ़ते कर्ज से पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है.
कमजोरी के कई कारण
मूडीज का मानना है कि कमजोर वित्तीय हालात के पीछे कई कारण है. ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ में स्लोडाउन है. चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर चल रहा है. वैश्विस स्तर पर राजनीतिक संकट है. साथ ही उभरते और सीमांत बाजारों में भी इस वक्त वित्तीय स्थिति ठीक नहीं हैं.
कमजोर पड़ चुकी है चुकाने की क्षमता
मूडीज का मानना है कि सबसे ज्यादा जोखिम एशिया पैसेफिक, मिडिल ईस्ट, उत्तरी अफ्रीका और लेटिन अमेरिका में है. जहां कर्ज चुकाने की क्षमता कमजोर पड़ने की वजह से राजस्व में तेजी से गिरावट देखने को मिली है. मूडीज इन्वेस्टर सर्विस के मुताबिक, विदेशी मुद्रा और बाहरी कर्ज की वजह से यहां हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. मूडीज के मुताबिक, दूसरे देशों के साथ ही पाकिस्तान को भी आर्थिक मोर्चे पर करारा झटका लगा है.
इन देशों में दिखी सबसे ज्यादा गिरावट
मूडीज का कहना है कि कर्ज चुकाने की क्षमता के मामले में पाकिस्तान, श्रीलंका, मिस्र, अंगोला और घाना जैसे देशों के राजस्व में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. क्योंकि, 2019-20 के पूर्वानुमान के मुकाबले यह ब्याज भुगतान की वजह से राजस्व को संभालने में नाकाम रहे हैं.
कितना पहुंचा पाकिस्तान का कर्ज
पाकिस्तान का कर्ज 6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. मूडीज के 39 महीने के करार के अलावा दूसरे देशों से लिए कर्ज और उसके ब्याज के भुगतान की वजह से फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व और चालू खाता घाटे में भी गिरावट आई है. बढ़ते कर्ज के कारण देश की वित्तीय स्थिति और कमजोर होगी. कर्ज वहन करने की उसकी क्षमता पर भी असर पड़ेगा.
बाहरी असंतुलन और पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के ब्याज दर बढ़ाने की वजह से आगे भी वित्तीय स्थितियां और कमजोर होने की आशंका है. बता दें, पिछले दो साल में ब्याज दर में केंद्रीय बैंक ने 750 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. वहीं, ट्रेजरी बिल में नियमित रोलओवर के साथ बढ़ती ब्याज दरों से सरकार ने कर्ज को बढ़ाया है.