चीन में पैदा हुआ कोरोना वायरस अब चीन से निकलकर दुनिया के अन्य देशों में अपने पैर पसार रहा है. चीन में अब इसका असर कम होने लगा है और देश की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लौट रही है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के विशाल आर्थिक प्रभाव से निपटने में चीन के अनुभव ने यह दिखाया है कि सही नीतियां महामारी से लड़ने और इसके प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. चीन धीरे-धीरे अपने उत्पादनों को सुधार कर रहा है और अर्थव्यवस्था भी सामान्य होने का संकेत दे रही है. 

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चीनी राज्य परिषद के अनुसार, हुबेई के अलावा चीन के अन्य प्रांतों में लगभग 11,000 प्रमुख परियोजनाओं की बहाली दर 89.1 प्रतिशत है. 

चीनी राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग में निवेश विभाग के निदेशक ओयू होंग ने कहा कि प्रमुख रेलवे परियोजनाओं ने मूल रूप से काम फिर से शुरू कर दिया है, और प्रमुख राजमार्ग व जल परिवहन परियोजनाएं 97 प्रतिशत की दर से फिर से शुरू हो गई हैं. पेइचिंग-श्यांगएन एक्सप्रेस-वे सहित कई प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं का काम फिर से शुरू होकर तेजी आई है.

हवाई अड्डे की परियोजनाओं की बहाली दर 87 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है. चीन-रूस पूर्वी गैस पाइपलाइन के मध्य खंड सहित प्रमुख ऊर्जा परियोजना भी फिर से शुरू की जा चुकी है. साथ ही प्रमुख विदेशी वित्त पोषित परियोजनाओं ने भी मूल रूप से काम फिर से शुरू कर दिया है. दुनिया में बीएमडब्ल्यू का सबसे बड़ा उत्पादन आधार, शेनयांग बीएमडब्ल्यू के तीसरे संयंत्र की परियोजना 17 फरवरी को काम शुरू करने के बाद आगे बढ़ रही है.

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आईएमएफ का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रसार का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा व गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. महामारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने की वजह से आर्थिक गतिविधि मंद पड़ रही है. चीन ने सबसे कमजोर समूहों को समर्थन प्रदान करने के लिए उपायों की एक श्रृंखला को अपनाया है,जिसने अर्थव्यवस्था पर महामारी के गंभीर प्रभाव को प्रभावी ढंग से कम कर दिया है.