पाकिस्तान के गले की फांस बन गया CPEC? ठंडे बस्ते में कई प्रोजेक्ट्स, नहीं मिल रही फंडिंग
CPEC Project: चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडर को दोनों देश के रिश्तों में गेम चेंजर माना जा रहा था. हालांकि, लगभग एक दशक के बाद कोरिडॉर के कई प्रोजेक्ट्स ठंडे बस्ते में चले गए हैं.
Pakistan China Economic Corridor failure: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कंगाली के मुहाने पर खड़ी है. पाकिस्तान इस समय बेलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ की तरफ मुंह ताक रहा है. महंगाई के मोर्चे में भी लगातार जनता को मार पड़ रही है. इस बीच चीन ने पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर का नया कर्ज दिया है. पाकिस्तान की आर्थिक तंगी के कारण चीन और पाकिस्तान के बीच चीन और पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) असफल होता नजर आ रहा है. सीपीईसी को चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है.
बंद पड़े हैं कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स
चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की शुरुआत में कहा गया था कि ये पाकिस्तान के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और जीडीपी ग्रोथ को बढ़ावा देगा. साल 2019 आते-आते इन अनुमानों और सच्चाई के बीच गहरा अंतर था. जनवरी 2021 में ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया कि सीपीईसी थम गया है. इस कॉरिडोर के तहत बेहद कम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट हैं, जिन्हें पूरा किया गया है. कई प्रोजेक्ट्स पाकिस्तान की धीमी प्रगति और चीन द्वारा फंडिंग की कमी के कारण बंद पड़े हैं. आईएमएफ ने भी सितंबर 2022 में कहा था कि सीपीईसी में नया निवेश पाकिस्तान की ऋण स्थिरता को नुकसान पहुंचा सकता है.
69 अरब डॉलर का प्रोजेक्ट
CPEC शुरुआत में 45 अरब डॉलर का प्रोजेक्ट था. बाद में इसे बढ़ाकर 69 अरब डॉलर कर दिया था. चीन और पाकिस्तान कोशिश कर रहे हैं कि इस प्रोजेक्ट को ग्लोबल निवेश के लिए खोल दिया जाए. अभी तक इसमें कोई खास रिस्पॉन्स नहीं आया है. साऊदी अरब, कतर, तुर्की, किर्गिस्तान और रूस इसमें निवेश करने के लिए तैयार नहीं है. पाकिस्तान के अखबार इस्लाम खबर के मुताबिक सात साल बाद CPEC के कई प्रोजेक्ट अभी शुरू ही नहीं हुए हैं. वहीं, जो शुरू हुए हैं उनमें से कई अब बोझ बन गए हैं और काफी नुकसान में है. कई प्रोजेक्ट्स फंड की कमी से जूझ रहे हैं.
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रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए नहीं है पैसे
CPEC का मेनलाइन 1 रेलवे प्रोजेक्ट जो कराची और पेशावर के बीच होने था उसे चीनी सरकार ने ठंड बस्ते में डाल दिया था. चीन के कदम पीछे खींचने के बाद पाकिस्तान ने इसे खुद बनाने का फैसला किया. हालांकि, अब पाकिस्तान को इस प्रोजेक्ट में 11 से 12 अरब डॉलर खर्च करने होंगे. पहले इसकी लागत 6.8 अरब डॉलर लगाई गई थी. इसी तरह एक अहम रेल प्रोजेक्ट कराची सर्कुलर रेलवे को भी CPEC की लिस्ट से हटा दिया है. इस्लाम खबर की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास इन प्रोजेक्ट्स के लिए पैसे नहीं है.