iPhones बनाने वाली कंपनी Apple को चीन ने बड़ा झटका दिया है. चाइनीज सरकार ने सरकारी अधिकारियों को आईफोन इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया है. ऐप्पल के लिए यह बुरी खबर है, क्योंकि कंपनी के लिए चीन सबसे बड़ा विदेशी मार्केट है. 2022 में कंपनी का 18% रेवेन्यू चीन से आया था. इस खबर के बाद ऐप्पल के शेयर में गिरावट आई और इसका मार्केट कैप करीब 200 बिलियन डॉलर साफ हो गया. पिछले कुछ समय से वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तल्खी बढ़ गई है.

चीन में ऐप्पल का बड़ा बेस

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Apple के लिए चाइनीज सरकार का यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कंपनी के ज्यादातर प्रोडक्ट्स चीन में मैन्युफैक्चर होते हैं और वहां की कंपनी Foxconn सबसे बड़ी सप्लायर है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग ने सेंट्रल गवर्नमेंट एजेंसी के अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे ऑफिस में iPhones लेकर नहीं आएं. इसके अलावा ऑफिशियल कामकाज में भी इसका इस्तेमाल नहीं हो. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बैन का यह फैसला स्टेट-ओन्ड कंपनियों में भी लागू किया ज सकता है.

iPhone 15 लॉन्च की तैयारी में Apple

WSJ की रिपोर्ट के मुताबिक, बैन का फैसला केवल ऐप्पल के खिलाफ नहीं लिया गया है. सभी विदेशी ब्रांड पर बैन लगाया गया है और खासकर iPhones पर यह बैन पहले से कई एजेंसी में काम करने वाले लोगों पर लगा है. अब इस बैन का विस्तार किया गया है. चाइनीज सरकार ने बैन का फैसला उस समय में लिया है जब Apple की तैयारी iPhone 15 के लॉन्चिंग को लेकर है और यह 12 सितंबर को होने वाला है.

चीन पर बहुत निर्भर है Apple

बैन का यह फैसला Apple के लिहाज से बहुत बड़ा है क्योंकि कंपनी मैन्युफैक्चरिंग और सेल्स, दोनों के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर है. हालांकि, कंपनी ने अब भारत में भी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर फोकस किया है.

इस बैन के पीछे Huawei का हाथ?

बैंक ऑफ अमेरिका के ऐनालिस्ट्स का मानना है कि Apple पर बैन के पीछे Huawei का हाथ हो सकता है. हाल ही में हुआवे ने हाई इंड टेक्नोलॉजी स्मार्टफोन Mate 60 Pro लॉन्च किया है. अमेरिकी सरकार ने इस स्मार्टफोन के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. दरअसल इस फोन में SMIC का एडवांस्ड 7nm चिप लगा है. अमेरिका ने चाइनीज चिप पर बैन लगाया है.

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