चीन ने रविवार को अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार घाटे को कम करने की दिशा में उपाय करते समय अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद प्रमुख एशियाई देश ने यह बयान दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि दोनों देशों को आपसी रणनीतिक विश्वास बढ़ाना चाहिए और ‘रणनीतिक रूप से गलत फैसले’ लेने से बचना चाहिए.

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375 अरब डॉलर का व्यापार घाटा

चीन ने अमेरिकी सामानों का आयात और निवेश बढ़ाने के उपाय करने का संकल्प प्रकट किया है. ऐसा दोनों देशों के बीच 375 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने की अमेरिकी मांग को देखते हुए किया जाएगा. इन उपायों को लागू करने की समयसीमा 1 मार्च, 2019 तक है. इससे पहले अमेरिका ने चीन के 250 अरब डॉलर मूल्य के सामानों पर ऊंचा आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका के 110 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाया है. 

 

हालांकि, नवंबर में ब्यूनस आयर्स में आयोजित जी20 सम्मेलन के मौके पर चिनफिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत में एक समझौता हुआ. इसके तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे के आयात पर ऊंचा शुल्क लगाने के निर्णय को मार्च तक टालने पर सहमति जताई. वर्तमान व्यापार युद्ध पर चिनफिंग से शनिवार को टेलीफोन पर बातचीत के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया था, “अभी चीन के राष्ट्रपति शी (चिनफिंग) के साथ लंबी और बहुत अच्छी बातचीत हुई है.” 

 

बातचीत में काफी प्रगति हुई

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “चीजें अच्छे ढंग से आगे बढ़ रही हैं. अगर यह होता है तो बहुत व्यापक होगा, जिसमें विवाद से जुड़े सभी विषय, क्षेत्र और बिंदु शामिल होंगे. काफी प्रगति हुई है.”इसी बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका को चीन के विकास को ध्यान में रखते हुए कोई भी कदम उठाते समय व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.

(इनपुट एजेंसी  से)