भारत ने शनिवार को कनाडा पर आरोप लगाया कि वह राजनयिक परिपाटियों का ‘‘घोर उल्लंघन’’ करते हुए वहां भारतीय वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को ऑडियो और वीडियो निगरानी में रखकर उनका ‘‘उत्पीड़न’’ कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए यह भी कहा कि भारत ने इस संबंध में कनाडा सरकार के समक्ष औपचारिक रूप से विरोध दर्ज कराया है. 

ऑडियो और वीडियो निगरानी के थे अधीन

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से उन खबरों के बारे में पूछा गया था, जिनमें दावा किया गया है कि राजनयिक गतिरोध के बीच कनाडा में कई भारतीय राजनयिकों पर कथित तौर पर निगरानी रखी जा रही है. जायसवाल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हां, हमारे वाणिज्य दूतावास के कुछ अधिकारियों को हाल में कनाडाई सरकार द्वारा सूचित किया गया था कि वे ऑडियो और वीडियो निगरानी के अधीन थे और अब भी हैं. उनकी बातचीत को भी ‘इंटरसेप्ट’ (बाधित) किया गया है. हमने कनाडा सरकार के समक्ष औपचारिक रूप से विरोध दर्ज कराया है.’ 

भारत के आरोपों को जस्टिन ट्रूडो ने बताया था निराधार 

प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘तकनीकी पहलुओं का हवाला देकर कनाडा सरकार इस तथ्य को उचित नहीं ठहरा सकती कि वह उत्पीड़न और धमकी देने के कृत्य में लिप्त है.’ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक साल पहले कहा था कि ओटावा के पास इस बारे में विश्वसनीय सबूत हैं कि जून, 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका’’ बताकर खारिज कर दिया था. 

उग्रवाद और हिंसा के माहौल में काम कर रहे हैं वाणिज्य दूतावास

भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा की धरती से खालिस्तान समर्थक तत्व बिना किसी रोक-टोक के अपनी गतिविधियां चला रहे हैं. जायसवाल ने कहा, ‘हमारे राजनयिक और वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी पहले से ही उग्रवाद और हिंसा के माहौल में काम कर रहे हैं. कनाडा सरकार की यह कार्रवाई स्थिति को और भी खराब कर सकती है और स्थापित राजनयिक मानदंडों तथा प्रथाओं के विपरीत है.’