भारत के सबसे छोटे पड़ोसी देश ने चीन को दिया तगड़ा झटका, खरबों का प्रोजेक्ट अधर में
भारत के सबसे छोटे पड़ोसी देश भूटान ने चीन के उस न्यौते को ठुकरा दिया है, जिसमें चीन द्वारा उसे बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) फोरम बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. भारत पहले ही इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुका है. भूटान के अलावा भारत ज्यादातर पड़ोसी देश मालदीव, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश इस बैठक में शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में 40 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
भारत के सबसे छोटे पड़ोसी देश भूटान ने चीन के उस न्यौते को ठुकरा दिया है, जिसमें चीन द्वारा उसे बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) फोरम बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. भारत पहले ही इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुका है. भूटान के अलावा भारत ज्यादातर पड़ोसी देश मालदीव, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश इस बैठक में शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में 40 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
समाचार पत्र इकनॉमिक टाइम्स ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि भूटान बीआरआई फोरम बैठक में शामिल नहीं होगा. चीन ने भूटान की नई सरकार को लुभाने की काफी कोशिश की थी, ताकि उसे भारत के प्रभाव से दूर ले जाया जा सके.
भूटान के चीन के साथ राजनयिक संबंध नहीं है, हालांकि वह अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए चीन के साथ साझेदारी को बढ़ाना चाहता है. भूटान की सरकार का मानना था कि बीआरआई फोरम में उसकी मौजूदगी से भारत में अच्छा संकेत नहीं जाएगा. भूटान इससे पहले 2017 में भी इस बैठक का बायकॉट कर चुका है.
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बीआरआई प्रोजेक्ट के तहत चीन दुनिया के अनेक देशों को सड़क और जलमार्ग के रास्ते आपस में जोड़ रहा है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) भी बीआरआई का ही हिस्सा है. बीआरआई पर भारत की आपत्ति है कि ये परियोजना पारदर्शी नहीं है और इस पर चीन का प्रभुत्व है. इसके अलावा इसमें देशों की अखंडता और संप्रभुता का ध्यान भी नहीं रखा गया है.