BBC की तरफ से दुनिया की 100 प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट जारी की गई है. इस साल इस लिस्ट में चार भारतीय महिलाओं को शामिल किया गया है. इसमें बॉलीवुड एक्टर और प्रोड्यूसर प्रियंका चोपड़ा, बुकर अवॉर्ड विनर लेखिका गीतांजलि श्री, सोशल वर्कर स्नेहा जावाले और एयरोनॉटिकल इंजीनियर सिरिशा बांदला हैं. इस लिस्ट में उन महिलाओं को तवज्जो दी जाती है जो जमीनी स्तर से इंटरनेशनल लेवल तक का सफर तय करती हैं. इसमें उनकी उपलब्धियों पर जोर दिया जाता है.

प्रियंका चोपड़ा ने देश-दुनिया में नाम कमाया

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बीबीसी की 100 महिलाओं की लिस्ट में शामिल होने को लेकर प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि Me Too आंदोलन और एक साथ आ रही, एक-दूसरे की रक्षा कर रही तथा एक-दूसरे के साथ खड़ी महिलाओं की सामूहिक आवाज- एक साथ आने में कुछ बहुत शक्तिशाली है.  लिस्ट में उन्हें बॉलीवुड के सबसे बड़े फिल्मी सितारों में से एक बताया गया जिनके नाम पर 60 से अधिक फिल्में हैं. बीबीसी ने कहा, ‘‘उन्होंने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी बनायी, भारत में फिल्में बना रही हैं. प्रियंका चोपड़ा यूनिसेफ की सद्भावना दूत भी हैं, बच्चों के अधिकारों और लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रचार कर रही हैं.’’

सिरिशा बांदला भारत  की दूसरी महिला जो स्पेस में पहुंची

सिरिशा बांदला ऐतिहासिक 2021 यूनिटी 22 मिशन (2021 Unity 22 mission) के हिस्से के रूप में वर्जिन गैलेक्टिक की पहली पूरी तरह से चालक दल वाली सब-ऑर्बिटल स्पेसफ्लाइट में अंतरिक्ष के छोर तक हो आईं, जिससे वह अंतरिक्ष में जाने वाली भारत में जन्मी दूसरी महिला बन गयीं. कम उम्र से ही अंतरिक्ष में रूची रखने वाली बांदला अमेरिका वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गयी थीं.

गीतांजलि श्री  के बारे में जानिए

उपन्यासकार और लेखिका गीतांजलि श्री ने अपने उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद ‘टॉम्ब ऑफ द सैंड’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली हिंदी लेखिका बनकर इस साल इतिहास रच दिया था. इस किताब के फ्रेंच अनुवाद को एमिली गुमेट प्राइज के लिए भी चयनित किया गया था.

स्नेहा जावाले कौन हैं?

इस लिस्ट में चौथी भारतीय, घरेलू हिंसा की पीड़िता से सामाजिक कार्यकर्ता बनी स्नेहा जावाले हैं. बीबीसी में उनके हवाले से कहा गया, ‘‘पिछले 10 वर्ष में आग और तेजाब से झुलसने वाली महिलाओं के प्रति समाज की सोच बदली है. मैं खुद को किसी मिस वर्ल्ड या मिस यूनिवर्स से कम नहीं समझती हूं. मैं कहती हूं कि मैं सुंदर हूं तो हूं.’’ लिस्ट के अनुसार, जब स्नेहा जावाले के माता-पिता और दहेज की मांग को पूरा नहीं कर पाए तो उनके पति ने उन पर केरोसिन छिड़क कर आग लगा दी. उनके परिवार ने पुलिस में मामला दर्ज नहीं कराया. जब उनके पति उनके बेटे को लेकर चले गये तो उन्होंने अपना जीवन फिर से जीने की ठानी. इसके लिए उन्होंने टैरो कार्ड रीडर और स्क्रिप्ट राइटर का काम चुना- यह ऐसे काम थे, जिनमें लोगों को उनका चेहरा देखने की ज़रूरत नहीं थी.

 

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