Bangladesh Violence: बांग्लादेश में चल रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार दोपहर शेख हसीना ने देश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी बहन के साथ एक सैन्य हेलीकॉप्टर में सवार होकर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं. पीएम के आधिकारिक आवास बंगाभवन पर आंदोलनकारियों ने कब्जा कर लिया है. वहीं, तख्तापलट के बाद बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा है कि देश को फिलहाल अंतरिम सरकार चलाएगी. बांग्लादेश में हिंसा और विवाद की वजह आरक्षण का फैसला है, जिसके बाद बांग्लादेश में कई हफ्तों तक हिंसक प्रदर्शन और सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव का सिलसिला जारी रहा था.

Bangladesh Violence: 1972 में लागू हुई थी आरक्षण प्रणाली, 2018 में किया खत्म

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बांग्लादेश साल 1971 को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर उभरा. साल 1972 में इसे बतौर देश मान्यता मिली थी. 1972 में तत्कालीन सरकार ने मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और उनके वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था. हालांकि, साल 2018 में सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया था. हालांकि, इस साल जून में हाईकोर्ट के फैसले ने इस आरक्षण प्रणाली को खत्म करने के फैसले को गैर कानूनी बताते हुए इसे दोबारा लागू कर दिया था. 

Bangladesh Violence: सुप्रीम कोर्ट ने पलटा था फैसला, सात अगस्त को होनी थी सुनवाई

उच्च न्यायालय के फैसले के बाद बांग्लादेश में व्यापक पैमाने में विरोध प्रदर्श शुरू हो गए. शेख हसीना सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिसने हाईकोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल पांच फीसदी नौकरियां स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए आरक्षित होगी. दो फीसदी नौकरियां अल्पसंख्यकों और दिव्यांगों के लिए आरक्षित होगी. अब इस मामले में अगली सुनवाई सात अगस्त को होनी थी लेकिन, इससे पहले विरोध प्रदर्शन भड़क उठे. 

Bangladesh Violence: प्रदर्शनकारी और सरकार के समर्थकों के बीच हुई झड़प

सरकार के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों और सरकार समर्थक लोगों के बीच भीषण झड़पें हुईं. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के बातचीत के न्योते को भी ठुकरा दिया था.  प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों, पुलिस चौकियों, सत्तारूढ़ पार्टी के दफ्तरों और उनके नेताओं के आवास पर हमला किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार, मंगलवार और बुधवार को सामान्य अवकाश घोषित किया गया था.