इंटर‍-मिनिस्ट्रियल ग्रुप यूरोपीय संघ (EU) के स्‍टील और एल्यूमीनियम जैसे कुछ प्रोडक्‍ट्स पर कार्बन टैक्‍स लगाने के फैसले पर गौर कर रहा है. इस फैसले का देश का इन उद्योगों से होने वाले एक्‍सपोर्ट पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि सात कमोडिटी पर यूरोपीय यूरोपीय यूनियन ने कार्बन टैक्‍स लगाया है.

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उन्होंने बताया कि भारत के मामले में केवल दो क्षेत्र स्‍टील और एल्यूमीनियम पर ही नई टैक्‍स व्यवस्था का असर पड़ेगा. बाकी क्षेत्रों पर असर बहुत कम होगा. इसका कारण भारत इन कमोडिटी का एक्‍सपोर्ट यूरोपीय यूनियन को नहीं करता है.

सारंगी ने कहा, ‘‘लेकिन इसका कुछ हद तक असर जरूर होगा. किस हद तक इसे कम किया जा सकता है, किस सीमा तक हमारे उद्योग इससे निपट सकते हैं... ये सभी ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर इंटर‍-मिनिस्ट्रियल समूह विचार कर रहा है.’’ 

मॉनेटरी इम्‍पैक्‍ट का भी बाकी है आकलन

उन्होंने कहा कि कॉमर्स सेक्रेट्री और कई अन्य विभागों के सचिव उन तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं, जिनसे इससे निपटा जा सकता है. सारंगी ने कहा कि इस फैसले का भारत पर पड़ने वाले मॉनेटरी प्रभाव के बारे में अभी आकलन किया जाना है.

यूरोपीय यूनियन कार्बन बार्डर एडजस्‍टमेंट मैकेनिज्‍म (CBAM) 1 अक्टूबर से अमल में ला रहा है. इस सिस्‍टम के अंतर्गत 1 जनवरी, 2026 से EU में चुनिंदा वस्तुओं के आयात पर 20 से 35 फीसदी टैक्‍स लगेगा.  

 

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