1 जनवरी को नया साल हर कोई मनाता है.
यह परंपरा 1582 ई. में ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत से हुई.
45 ईसा पूर्व रोमन साम्राज्य में कैलेंडर शुरू हुए चलन में पहले 10 महीने और 310 दिन थे.
रोमन राजा नूमा पोंपिलुस ने जनवरी को साल का पहला महीना घोषित किया था.
जनवरी का नाम रोमन देवता जेनस के नाम पर रखा गया था.
पहले साल की शुरुआत मार्च से होती थी,लेकिन नूमा के बदलाव के बाद जनवरी से शुरू होने लगी.
46 ईसा पूर्व रोमन राजा जूलियस सीजर ने नई गणनाओं के आधार पर कैलेंडर बनाया.
धरती 365 दिन और 6 घंटे में सूर्य की परिक्रमा करती है, इसी आधार पर कैलेंडर बनाया गया.
सूर्य चक्र पर कैलेंडर में 365 दिन और चंद्र चक्र पर 354 दिन होते हैं.
यह सूर्य चक्र पर आधारित है और अधिकांश देशों में इसका उपयोग होता है.
मार्च का नाम रोमन देवता मार्स (युद्ध के देवता) के नाम पर रखा गया था.
जेनस देवता की वजह से जनवरी को नई शुरुआत का प्रतीक माना गया.
ग्रेगोरियन कैलेंडर की वजह से 1 जनवरी को नए साल के रूप में मनाते हैं.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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