आम बजट में सरकार अपने आने वाले साल के खर्च और कमाई का लेखा-जोखा पेश करती है. इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी
इस साल का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारनमण के कार्यकाल का 5वां बजट होगा, लेकिन क्या कभी सोचा है कि देश का पहला बजट कब और किसने पेश किया?
इस सवाल को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां हैं क्योंकि आजादी के पहले और आजादी के बाद का यूनियन बजट अलग-अलग शख्स ने पेश किया था
गुलाम भारत का पहला बजट 18 फरवरी 1860 को वायसराय की परिषद में ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन ने पेश किया था
आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को भारत के पहले वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी (R. K. Shanmukham Chetty) ने पेश किया था
भारत में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है, जो 8 यूनियन बजट और 2 अंतरिम बजट पेश कर चुके हैं
आपको जानकर हैरानी होगी कि मोरारजी देसाई ने 29 फरवरी को अपने जन्मदिन के मौके पर दो साल 1964 और 1968 में बजट पेश किया था
मोरारजी देसाई के बाद सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पी चिदंबरम, तीसरा नाम प्रणब मुखर्जी और यशवंत सिन्हा और मनमोहन सिंह (6) के नाम है
साल 1955 तक भारत का आम बजट को अंग्रेजी भाषा में पेश होता था, लेकिन आजाद भारत की कांग्रेस सरकार ने बजट को अंग्रेजी और हिंदी दोनों में पेश करने का जिम्मा लिया
साल 1999 तक भारत का आम बजट फरवरी के आखिरी कार्यकारी दिवस को शाम 5 बजे पेश होता था. 1999 में यशवंत सिन्हा ने इसका टाइम बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया
साल 2017 में अरुण जेटली ने बजट की तरीख को फरवरी के आखिरी वर्किंग डे की बजाए 1 फरवरी कर दिया और आम बजट और रेल बजट को एक साथ पेश किया जाने लगा
कोविड-19 महामारी के बाद 2021-22 में देश का पहला पेपरलेस बजट पेश हुआ
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