ट्रेन यात्रा के दौरान खाने-पीने के सामान बेचने वालों को पहचान मुश्किल होता है.
रेलवे ने इस समस्या को हल करने के लिए क्यूआर कोड आधारित वेंडर मैनेजमेंट सिस्टम (VMS) शुरू किया है.
रेलवे के सभी कैटरिंग ठेकेदारों और वेंडरों के पास क्यूआर कोड आधारित पहचान पत्र होंगे.
यात्री क्यूआर कोड स्कैन करके वेंडर की सच्चाई जान सकते हैं.
स्कैन करने पर वेंडर का नाम, पता, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर मिल जाएंगे.
इसके अलावा, वेंडर के ठेकेदार का नाम और कंपनी का नाम भी दिखाई देगा.
क्यूआर कोड से वेंडर का पुलिस वेरिफिकेशन और हेल्थ-फिटनेस सर्टिफिकेट भी चेक किया जा सकता है.
यात्रियों को इससे अपने पसंद के वेंडर से सामान लेने में सहूलियत मिलेगी.
यह सिस्टम यात्रियों को खाने-पीने की क्वालिटी को लेकर विश्वास दिलाएगा.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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