वैसे तो फंडिंग जुटाने का मकसद ये होता है कि स्टार्टअप अपने बिजनेस को बढ़ा सके. लेकिन, अक्सर फंडिंग से मिले पैसों का इस्तेमाल करते वक्त स्टार्टअप ये 5 गलतियां कर बैठते हैं.
कई बार कुछ स्टार्टअप फंडिंग से मिले पैसों का एक हिस्सा गैर-जरूरी चीजों पर भी खर्च कर देते हैं. कुर्सी-सोफे पर खर्च करना या बड़ा ऑफिस लेना या इंटीरियर पर खर्च गैर-जरूरी होता है.
अक्सर फंडिंग के बाद स्टार्टअप कुछ लोगों को हायर करते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि उस स्टाफ के बिना काम हो पाएगा या नहीं. सपोर्टिंग स्टाफ बढ़ाने से स्टार्टअप पर बोझ बढ़ेगा.
अक्सर कई स्टार्टअप ये सोचते हैं कि क्रेडिट के बजाय कैश में ही कच्चा माल खरीदेंगे. बिजनेस में काफी सारा काम क्रेडिट सिस्टम के आधार पर होता है. फंडिंग का सही इस्तेमाल करें.
कुर्सी-मेज से लेकर प्लेट, पंखे, लाइट आप ब्रांडेड लेंगे तो उसमें आपके बहुत सारे पैसे खर्च होंगे. स्टार्टअप के लिए जरूरी है कि आप कम पैसे खर्च करते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करें.
जब कोई स्टार्टअप फंडिंग जुटाता है तो उसे पैसों का इस्तेमाल नई तकनीक के लिए भी करना चाहिए. नई तकनीक हमेशा एडवांस होती है, जो आपके प्रोडक्ट की लागत को घटा सकती है.
फंडिंग का इस्तेमाल आप अपना प्लांट सेटअप करने, रिसर्च और डेवलपमेंट में, टीम हायर करने में और अपने बिजनेस के विस्तार में कर सकते हैं. बिजनेस को अलग-अलग राज्यों तक पहुंचा सकते हैं.
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