एसआईपी म्यूचुअल फंड में नियमित छोटी राशि निवेश करने की योजना है.
SIP की शुरुआत ₹500 या ₹1000 से की जा सकती है.
एसआईपी लंबी अवधि के निवेश के लिए जोखिम को कम करने में मदद करता है.
एसआईपी में निवेश से 12% या उससे अधिक औसत रिटर्न मिल सकता है.
जबकि रेकरिंग डिपोजिट (आरडी) भी सुरक्षित निवेश विकल्प है, जो 7-8% तक रिटर्न देता है.
आरडी का कार्यकाल 6 महीने से 10 साल तक होता है.
आरडी में निवेश से फिक्स्ड रिटर्न मिलता है, जबकि SIP बाजार के आधार पर ज्यादा रिटर्न दे सकता है.
आरडी में जोखिम कम होता है, जबकि एसआईपी में बाजार आधारित जोखिम अधिक होता है.
एसआईपी में लॉक-इन अवधि केवल ईएलएसएस फंड्स में होती है (3 साल).
आरडी में समय से पहले निकासी पर पेनल्टी लगती है, जबकि एसआईपी बंद करने पर शुल्क नहीं लगता.
RD टैक्स के लिहाज से सीमित लाभ देता है, जबकि SIP लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर आधारित है.
लंबी अवधि और उच्च रिटर्न की बात आती है, तो एसआईपी आरडी से बेहतर विकल्प साबित होता है.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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