निवेश के दो तरीके: डायरेक्ट (शेयर खरीद) और इनडायरेक्ट (म्यूचुअल फंड) हैं.
म्यूचुअल फंड में जोखिम कम, लेकिन शेयर बाजार में ज्यादा.
फंड मैनेजर म्यूचुअल फंड में जोखिम को विभिन्न सिक्योरिटीज में बांटते हैं.
स्टॉक्स में किसी कंपनी के प्रदर्शन से सीधे रिटर्न प्रभावित होता है.
म्यूचुअल फंड में औसतन 12-15% का स्थिर रिटर्न मिलता है.
शेयर बाजार में सही कंपनी में निवेश से अप्रत्याशित लाभ हो सकता है.
म्यूचुअल फंड का प्रबंधन फंड मैनेजर द्वारा होता है, जबकि स्टॉक्स में खुद मैनेज करना पड़ता है.
शेयर की कीमतें रियल-टाइम मार्केट फ्लक्चुएशन से तय होती हैं.
म्यूचुअल फंड की कीमत ट्रेडिंग डे के अंत में एनएवी के आधार पर तय होती है.
ELSS म्यूचुअल फंड में टैक्स छूट का लाभ, जबकि शेयर में नहीं.
मार्केट की जानकारी न होने पर म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर विकल्प है.
(नोट:खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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