आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक का फैसला बुधवार को आया है.
7000 करोड़ रुपये से अधिक के नोट अब भी लोगों के पास बचे हैं.
साफ हो गया है कि महंगी ईएमआई से राहत नहीं मिली है.
फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं, तब से कोई चेंज नहीं हुआ है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने पॉलिसी रेट्स को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है.
आरबीआई मौद्रिक समीक्षा नीति में आज भी रेपो रेट और होम लोन की EMI में कोई बदलाव होने की उम्मीद नहीं है.
मंहगाई मे ग्लोबली कमी देखने को मिली है.
घरेलू मैन्युफेक्चरिंग एक्टिविटी मे मजबुती बरकरार है.
सरकार के कदमो और Input cost मे कमी से सहारा मिला है.
घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती बरकरार व बेहतर मॉनसून से ग्रामीण ग्रोथ को सहारा हुआ.
ग्लोबल चितांओ पर नजर बनी हुई है, इसका असर मंहगाई पर पड़ सकता है.
ज्यादा लागत और कर्ज से NBFCs की स्थिरता पर असर संभव
आरबीआई गवर्नर ने अपने भाषण में कहा कि महंगाई लक्ष्य एक बड़ा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म रहा है
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