भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है, जिसे गांववाले मिलकर चलाते हैं.
जी हां रसीदपुरा खोरी स्टेशन, सीकर-चूरू मार्ग पर स्थित है.
1942 में बने इस स्टेशन को 2004-2005 में रेलवे ने कम आय का हवाला देकर बंद कर दिया था.
हालांकि ग्रामीणों ने रेलवे से फिर से इसे चालू करने का आग्रह किया.
2009 में रेलवे ने कहा कि 300000 टिकट की बिक्री होनी चाहिए, वरना स्टेशन फिर बंद होगा.
तब ग्रामीणों ने चंदा जुटाकर यह शर्त पूरी की और स्टेशन चालू रखा.
2009 से 2015 तक 6 सालों तक स्टेशन पूरी तरह गांव वालों ने चलाया.
ग्रामीण खुद टिकट काटते, स्टेशन की सफाई और सुरक्षा का ध्यान रखते.
2015 के बाद रेलवे ने स्टेशन को हरी झंडी दी और हाईटेक स्टेशन बनाने का निर्णय लिया.
बिना रेलवे अधिकारी या कर्मचारी के भी ट्रेन रुकती है व यात्री टिकट खरीदते हैं.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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