NRI एनआरआई भारत में टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड, जैसे ELSS (Equity Linked Savings Scheme), में निवेश कर सकते हैं.
NRI निवेश भारतीय विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत किया जाना चाहिए.
ELSS फंड NRI को इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ देता है.
ELSS फंड में निवेश पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, जिसमें निवेशित राशि निकाली नहीं जा सकती.
NRI म्यूचुअल फंड में निवेश NRE (Non-Resident External) या NRO (Non-Resident Ordinary) खाते के माध्यम से कर सकते हैं.
ELSS में निवेश पर ₹1,50,000 तक की आयकर छूट मिलती है.
ELSS से मिलने वाले रिटर्न को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स के तहत टैक्सेबल किया जाता है.
डिविडेंड आय भी NRI के लिए टैक्सेबल है और TDS कटता है.
NRI को म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए KYC पूरी करें, जिसमें पासपोर्ट और PIO/OCI कार्ड की कॉपी जमा करनी होगी.
NRI ELSS फंड में SIP के जरिए से भी निवेश कर सकते हैं.
NRI अपने निवेश को Repatriable या Non-Repatriable के रूप में बांट कर सकते हैं.
NRI भारत में मौजूद नहीं हैं, तो वे Power of Attorney के जरिए निवेश कर सकते हैं.
ELSS फंड का चुनाव करने से पहले उसकी पिछले 5 वर्षों की परफॉर्मेंस और फंड मैनेजर को समझें.
कुछ एसेट मैनेजमेंट कंपनियां NRI के निवेश को स्वीकार नहीं करतीं, खासतौर से अमेरिका और कनाडा के NRI के लिए.
NRI अन्य टैक्स सेविंग विकल्प, जैसे PPF, NPS, और ULIPs में भी निवेश कर सकते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड की उच्च रिटर्न क्षमता ELSS को अधिक आकर्षक बनाती है.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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