अक्सर बैंकों के क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर नो कॉस्ट EMI का ऑफर लाते रहते हैं.
नो कॉस्ट EMI में प्रोडक्ट की कीमत पर कोई एक्स्ट्रा ब्याज नहीं देना होता.
इस EMI ऑप्शन में प्रोडक्ट की ऑरिजन प्राइस को आसान किस्तों में चुकाते हैं.
वैसे सच ये है कि नो कॉस्ट EMI में ब्याज पहले से प्रोडक्ट की कीमत में शामिल होता है.
यह एक मार्केटिंग स्ट्रेटजी है, जिसमें लोन का ब्याज किसी अन्य रूप में ग्राहकों से वसूलते हैं.
कंपनियां नो कॉस्ट EMI देने से पहले प्रोडक्ट पर डिस्काउंट ले चुकी होती हैं.
नो कॉस्ट EMI में स्टोर को कोई घाटा नहीं होता क्योंकि प्रॉफिट पहले ही तय हो चुका होता है.
क्रेडिट कार्ड से नो कॉस्ट EMI लेने पर आपकी क्रेडिट लिमिट घट जाती है.
हर EMI भरने के बाद क्रेडिट लिमिट धीरे-धीरे वापस बढ़ती जाती है.
नो कॉस्ट EMI का फायदा उठाने से पहले प्रोडक्ट की कीमत और शर्तें जरूर चेक करें.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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