अपने टारगेट ऑडिएंश की पहचान करने की दिशा में यह बहुत ही अहम कदम होता है. इसके तहत आपको कुछ पैरामीटर्स पर कस्टमर प्रोफाइल बनानी होती है.
सबसे पहले कस्टमर प्रोफाइल बनाएं
सबसे पहले ये तय करें कि आपका जो प्रोडक्ट है, वह किस उम्र के लोगों के लिए है. यह पता करना इसलिए जरूरी है क्योंकि उम्र के हिसाब से लोगों का सोचना का तरीका अलग-अलग होता है.
उम्र का रखें ख्याल
ये भी तय करना होगा कि आपका टारगेट ऑडिएंश किस जेंडर का है. अगर महिलाएं आपकी टारगेट हैं, तो उनके सामने पुरुषों के प्रोडक्ट्स का विज्ञापन दिखाने का कोई मतलब नहीं.
किस जेंडर के लिए है प्रोडक्ट
कस्टमर प्रोफाइल बनाते वक्त ये भी पता होना चाहिए कि ग्राहकों की खर्च करने की कितनी क्षमता है. इसके आपको ये तय करने में आसानी होगी कि किस कैटेगरी कौन सा प्रोडक्ट रखें.
खर्च करने की क्षमता
इनके अलावा आप ग्राहकों को जियोग्राफिक लोकेशन, उनकी हॉबी यानी शौक, उनकी दिलचस्पी, उनका मैरिटल स्टेटस और अन्य कई पैरामीटर्स पर बांट सकते हैं.
बनाएं अलग-अलग कैटेगरी
अपने ऑडिएंश की पहचान करने की दिशा में अगला कदम होता है मार्केट रिसर्च करने का. आप प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट रिसर्च के जरिए कई अहम जानकारियां जमा कर सकते हैं.
मार्केट रिसर्च करें
आपको अपने कॉम्पटीशन को देखते रहना चाहिए. इससे आपको पता चलेगा कि उसके प्रोडक्ट में क्या कमियां हैं, जिन्हें आप दूर कर सकते हैं और मार्केट में अपना प्रोडक्ट ला सकते हैं.
कॉम्पटीशन के बारे में सब कुछ जानें
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