मासिक आय और खर्च के आधार पर सही EMI तय करें.
छोटी अवधि में EMI ज्यादा होती है, लेकिन ब्याज कम होता है.
लंबी अवधि में EMI कम होती है, लेकिन ब्याज अधिक होता है.
लोन चुकाने की क्षमता का सही अनुमान लगाकर EMI तय करें.
लंबी अवधि के लिए वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लोन तय करें.
लोन की शर्तों को पढ़ें, अतिरिक्त शुल्क से बचने के लिए प्री-पेमेंट के विकल्प को जानें.
पर्सनल लोन, होम लोन, या अन्य प्रकार के लोन की शर्तों को पूरा समझें.
कम EMI के लिए लंबी अवधि का लोन चुन सकते हैं, लेकिन कुल ब्याज अधिक होगा.
पहले तय करें कि मासिक आय के हिसाब से किस्तें सही हों.
अपनी भविष्य की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करके लोन की अवधि तय करें.
मानते हैं पर्सनल लोन 1 से 5 साल तक का ही लें.
होम लोन की अवधि आमतौर पर 5 से 10 साल के बीच होती है.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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