कई करदाता फर्जी रेंट स्लिप लगाकर टैक्स छूट लेते थे.
इन सिल्प को विभाग आसानी से पकड़ लेता है.
गलत तरीके से डिडक्शन का लाभ लेने वालों को सीधे नोटिस भेजकर पेनाल्टी व टैक्स वसूल किया जा रहा है.
विभाग फर्जी रेंट स्लिप के जरिए टैक्स क्लेम करने वाले हजारों करदाताओं की पहचान करता है.
करदाताओं को यह नहीं समझ में आता कि कैसे विभाग ने उनके फर्जीवाड़े का पता लगाया.
विभाग वाले AIS और फॉर्म-26AS का मिलान करके पकड़ लेते हैं.
करदाता HRA पर टैक्स छूट का दावा करते हैं, मकान मालिक से इसकी पुष्टि की जाती है.
विभाग गलत दावों को पकड़ने के लिए AI का उपयोग कर रहा है.
इससे कमाई और खर्च का मिलान किया जा रहा है.
रेंट स्लिप से टैक्स छूट का दावा करने के लिए HRA की प्राप्ति जरूरी है.
अगर सालाना किराया 1 लाख रुपये से अधिक है, तो मकान मालिक का पैन कार्ड देना अनिवार्य है.
रेंट एग्रीमेंट में दिए गए पैन कार्ड के विवरण से फर्जीवाड़ा तुरंत पकड़ लिया जाता है.
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