देश में कई कारणों से कई बार बैंक हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं.
बैंक बंद होने पर सबसे ज्यादा परेशानी खाताधारकों को होती है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सभी बैंकों को लाइसेंस जारी करता है.
अगर बैंक वित्तीय संकट में हो, तो RBI उस बैंक का लाइसेंस रद्द कर देता है.
बैंक बंद होने से खाताधारकों के जमा पैसे फंस जाते हैं.
सरकार का बैंक बंद होने से सीधा नुकसान नहीं होता है.
DICGC एक्ट के तहत खाताधारकों को केवल 5 लाख रुपये तक वापस मिलते हैं.
DICGC एक्ट, 1961 की धारा 16 (1) के तहत पैसा लौटाने की प्रक्रिया होती है.
बैंक बंद होने के बाद ग्राहकों को अपनी ब्रांच से संपर्क करना चाहिए.
अगर जमा राशि 5 लाख से ज्यादा है, तो परिसमापक की प्रक्रिया में भाग लेना जरूरी है.
DICGC खाताधारकों की जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस देती है.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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