ढैंचा को उगाकर किसान तगड़ी कमाई कर सकते हैं.
ढैंचा को उगाना किसानों के लिए काफी आसान होता है.
कई राज्य सरकारें ढैंचा की खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता देती है.
हरियाणा सरकार ₹720 प्रति एकड़ खर्च वहन करती है.
ढैंचा से नाइट्रोजन का भंडार खेतों में भरता है और उर्वरक की जरूर कम होती है.
ढैंचा के यूज से यूरिया की एक तिहाई जरूरत खत्म हो जाती है.
ढैंचा की खेती खरपतवार नियंत्रण और निराई-गुड़ाई की लागत कम करती है.
इस खेती से एक एकड़ जमीन पर करीब 25 टन तक की पैदावार हो सकती है.
मार्केट में ढैंचा के बीज करीब ₹40 प्रति किलो बिकते हैं, जिससे अच्छी आय हो सकती है.
इसको किसी भी सीजन में उगा सकेंगे, लेकिन खरीफ सीजन में खेती बेस्ट मानते हैं.
ढैंचा के पौधे 1-1.5 महीने में ही 3 फीट तक ऊंचे हो जाते हैं.
इसकी कटाई के बाद इसे खेतों में फैला देते हैं, जो प्राकृतिक खाद का काम करता है.
एक सीजन में ढैंचा की फसल से ₹10 लाख तक की आय की जा सकती है.
ढैंचा की बुवाई सरसों की तरह लाइनों में या छिड़काव विधि से की जा सकती है.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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