किसानों को मुनाफा देने वाली उड़द की दाल की खेती को नगदी फसल कहते हैं.
60 से 65 दिनों में उड़द की फसल तैयार हो जाती है.
उड़द की खेती न सिर्फ खाने के लिए बल्कि जमीन के लिए भी बेस्ट होती है.
कटाई के बाद उड़द का खरपतवार खेत में सड़कर जमीन को उपजाऊ बनाता है.
खेती के लिए प्रति एकड़ 8 से 10 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है.
बीज बोने से पहले उपचारित करना जरूरी है, जिससे फसल सुरक्षित रहे.
फसल में समय-समय पर फंजीसाइड और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.
खेत में नमी बनी रहनी चाहिए, लेकिन पानी का ठहराव नहीं होना चाहिए.
लाइन से लाइन की दूरी 30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर होनी चाहिए.
बाजार में उड़द की कीमत ₹80 से ₹100 प्रति किलो तक होती है.
प्रति एकड़ खेती में करीब 10 से 12 कुंतल उपज मिलती है.
उड़द की खेती से किसानों को प्रति एकड़ 1 लाख से ऊपर का मुनाफा हो सकता है.
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