इमरजेंसी फंड आर्थिक संकट और कर्ज लेने की स्थिति से बचाने में मदद करता है.
6 से 9 महीने के खर्च के बराबर राशि फंड में रखें.
अपने मासिक खर्चों का आकलन करें और उसी के आधार पर फंड का टारगेट बनाएं.
बचत खाते से हर महीने फिक्स राशि को इमरजेंसी फंड में ऑटोमैटिक ट्रांसफर करें.
फंड को लिक्विड फंड में निवेश करें ताकि जरूरत के टाइम आसानी से निकाल सकें.
फालतू खर्च, जैसे बाहर खाना या अनावश्यक शॉपिंग को कम करें.
बोनस, टैक्स रिफंड जैसी अतिरिक्त आय को इमरजेंसी फंड में जोड़ें.
क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन जैसे कर्ज लेने से बचें.
समय-समय पर अपने फंड में जरूरत के अनुसार चेंज करें.
इनकम के ऑप्शन और परिवार की जरूरतों के आधार पर फंड का आकार तय करें.
अगर फंड को लंबे समय तक सेफ रखना हो तो डेब्ट म्यूचुअल फंड में निवेश करें.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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