सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में अनगिनत लोग निवेश करते हैं.
छोटे से लेकर बड़े फंड तक के लिए इसको बेस्ट मानते हैं.
मनी मेकिंग एसआईपी की आखिर भारत में कब शुरुआत हुई.
जी हां मानते हैं भारत में SIP करीब 1990 के बाद पेश की गई थी.
मानते हैं कि निवेशकों के हितों के लिए करीब 1992 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना की गई थी.
1993 लाओ में एसआईपी की सही शुरुआत ने इन्वेस्टमेंट से संबंधित दृष्टिकोण में क्रांति पेश की.
अब हर साल इसमें लाखों लोग निवेश फायदा पा रहे हैं.
खुदरा निवेशकों की बढ़ती रुचि और शेयर बाजार की तेजी ने SIP को बढ़ावा दिया है.
SIP ने छोटे-छोटे नियमित निवेश से बड़ी बचत करने की आदत को बढ़ावा दिया है.
(नोट:खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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