बैंक एफडी वर्षों से निवेश का फेमस ऑप्शन बनी हुई है.
कॉरपोरेट एफडी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों द्वारा जारी की जाती है.
कॉरपोरेट एफडी में बैंक एफडी की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है.
कॉरपोरेट एफडी की सुरक्षा एनबीएफसी की साख पर निर्भर करती है.
बैंक एफडी पर 5 लाख रुपये तक का सरकार द्वारा बीमा कवर मिलता है.
केवल हाई-रेटिंग वाली एनबीएफसी की कॉरपोरेट एफडी को सेफ मानते हैं.
कॉरपोरेट एफडी में टाइम से पहले पैसा निकालने पर अधिक जुर्माना लगता है.
कुछ कॉरपोरेट एफडी टाइम से पहले निकासी की सुविधा नहीं देतीं.
बैंक एफडी में लिक्विडिटी ऑप्शन बेहतर होते हैं और कम जुर्माने पर पैसा निकाला जा सकता है.
5-10 साल की लॉक-इन अवधि वाली बैंक एफडी पर टैक्स बेनिफिट्स मिल सकते हैं.
कॉरपोरेट एफडी पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है.
निवेश से पहले बैंक और कॉरपोरेट एफडी की ब्याज दर और सुरक्षा की तुलना जरूर करें.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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