क्रिसमस डे को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
क्रिसमस ट्री 25 दिसंबर को सजावट और उत्सव को पेश करता है.
इसे रंगीन पन्नी, चमकीले तारों, रिबन, मोती, और बल्बों से सजाया जाता है.
सनोबर, फर, चीड़, और देवदार जैसे शंकुधारी पेड़ क्रिसमस ट्री कहलाते हैं.
क्रिसमस ट्री का तिकोना आकार इसे खास बनाता है, जो नीचे चौड़ा और ऊपर पतला होता है.
उत्तर-पश्चिमी हिमालय, कश्मीर से उत्तराखंड तक स्प्रूस और देवदार के पेड़ पाए जाते हैं.
उत्तराखंड में इन्हें कथेला, मोरिंडा, और काला चीलू जैसे नामों से जाना जाता है.
क्रिसमस ट्री ठंडे और पहाड़ी क्षेत्रों में बेहतर तरीके से उगता है.
क्रिसमस ट्री को घर में लगाने को शुभ मानते हैं.
ये पेड़ ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाने और कार्बन डाई ऑक्साइड सोखने का काम करता है.
नए साल के बाद, इसकी लकड़ी जलाने और अन्य उपयोगों के लिए काम में आती है.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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