शेयर बाजार में तेजी और मंदी को समझाने के लिए बुल (सांड) और बेयर (भालू) का यूज होता है.
बुल और बेयर का यह कांसेप्ट अमेरिकी बाजार से अन्य देशों में आया है.
बुल (सांड) बाजार में बढ़ती कीमतों का प्रतीक है.
सांड का हमला ऊपर की ओर होता है, जो बढ़ती कीमतों को पेश करता है.
बेयर (भालू) बाजार में गिरावट का प्रतीक है.
भालू का हमला नीचे की ओर होता है, जो कीमतों में गिरावट को दिखाता है.
“बुल मार्केट” उस स्थिति को दर्शाता है जब शेयर की कीमतें बढ़ती हैं.
बुल मार्केट में निवेशक आशावादी रहते हैं और मुनाफा कमाते हैं.
“बेयर मार्केट” उस स्थिति को दर्शाता है जब शेयर की कीमतें गिर रही होती हैं.
बेयर मार्केट में निवेशक बाजार में गिरावट का सामना करते हैं.
SEBI की वेबसाइट पर भी बुल और बेयर मार्केट के बारे में जानकारी दी गई है.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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