हर कोई चाहता है कि वह अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बचाकर रखे. लोग यह भी चाहते हैं कि इन बचे हुए पैसों से और पैसा बने, इसलिए वह इन पैसों को निवेश करते हैं.
बहुत सारे लोग सिर्फ इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए निवेश करते हैं. अगर आप भी सिर्फ टैक्स छूट पाने के चक्कर में निवेश करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इसके कुछ नुकसान भी हैं.
आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो पहले ये समझने की जरूरत है कि आप वह निवेश कर क्यों रहे हैं. आपको ये समझना होगा कि निवेश के उन पैसों का इस्तेमाल आप कहां करना चाहते हैं.
अगर आपके खर्चे अधिक हैं और आप सिर्फ टैक्स बचाने के चक्कर में तमाम स्कीम में पैसे डालते जा रहे हैं तो आपको पैसों की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.
वहीं टैक्स सेविंग की बहुत सारी स्कीम तो ऐसी हैं, जिनमें लंबा लॉक इन पीरियड है. कुछ में तो आप बहुत ही खास परिस्थितियों में ही पैसे निकाल सकते हैं, जैसे एनपीएस, पीएफ, सुकन्या समृद्धि.
अगर आप समय से पहले अपनी एफडी तोड़ते हैं तो आपको भारी नुकसान होगा. ऐसे में अगर आपको पैसों की जरूरत पड़ती है तो उसे पूरा करने के लिए आपको कहीं से लोन तक लेना पड़ सकता है.
अगर आप शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड को अच्छे से समझते हैं तो टैक्स की चिंता छोड़कर इनमें पैसे लगाकर आप मोटा रिटर्न पा सकते हैं. उस रिटर्न में से थोड़ा टैक्स चुका दें.
स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड में आप 15-20 फीसदी तक का रिटर्न पा सकते हैं. वहीं टैक्स सेविंग टूल्स में आपको 7-10 फीसदी तक का ही रिटर्न मिलेगा. तो सिर्फ टैक्स बचाने के लिए निवेश ना करें.
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