मौसम में बदलाव के बीच किसानों को अपने दुधारु पशुओं की देखभाल का खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि पशु बीमार न हों.
किसान भाई अपने पशुओं को ठंड से बचाने के लिए चादरों या कंबल से शरीर को ढंकने का इतंजाम करें.
पशुओं को दिन में धूप में रखें और रात में भी गर्म जगह पर रखने की व्यवस्था करें और पुआल की व्यवस्था करें.
पशुशाला, पशुओं और कुक्कुट फार्मों की सफाई नियमित रूप से करें और कुक्कुट फार्मों के बेडिंग को धूप दिखाएं.
इम माह ब्याने वाले पशुओं का विशेष ध्यान रखें. उनका शरीर गर्म रखा जाए और उचित मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स, विटामिन से भरपूर भोजन दिया जाए.
नवजात गाय, भैंस या भेड़ बकरियों को अन्त: परजीवी नाशक दवाएं पशु चिकित्सक की सलाह से नियमित रूप से दें.
बरसीम और जई की सिंचाई क्रमश: 12-14 और 18-20 दिनों के अंतराल पर करें.
पशुपालक अपने भेड़ और बकरी में पी.पी.आर का टीकाकरण कराएं.
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