पूरी दुनिया में भारत के ऑर्गेनिक फल, सब्जी और अनाजों की मांग है. भारत से ये उत्पाद बड़ी मात्रा में निर्यात किए जाते हैं
इंटरनेशनल मार्केट में इनकी काफी अच्छी कीमत मिलती है, जिसका सीधा फायदा हमारे किसानों को मिल रहा है
इसलिए सरकार भी जैविक फल, सब्जी, अनाजों के उत्पादन पर फोकस कर रही है जिसके लिए किसानों को हर संभव मदद दी जाती है
भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं जिसमें किसानों को आर्थिक मदद से लेकर ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जाती है
इस स्कीम में किसानों के क्लस्टर तैयार करके 3 साल के लिए ₹50,000 प्रति हेक्टेयर की आर्थिक मदद दी जाती है, जिसमें 31,000 रुपये कृषि इनपुट के लिए दिए जाते हैं
ये योजना नॉर्थ ईस्ट रीजन में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है जिसके तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 3 साल के लिए 25,000 का अनुदान दिया जाता है
फल और सब्जियों के वेस्ट से कंपोस्ट बनाने वाली यूनिट लगाने के लिए राज्य सरकारों को 100% मदद दी जा रही है. इससे रोजगार के मौके भी खुल रहे हैं
पाम ऑइल और तिलहनी फसलों की खेती भी बायो फर्टिलाइजर से लेकर कृषि इनपुट्स की खरीद के लिए 50 फीसदी तक आर्थिक मदद का प्रावधान है
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत फल, सब्जी, मेवा जैसी बागवानी फसलों की खेती के लिए जमीन से लेकर कृषि इनपुट सब्सिडी आदि मुहैया कराए जाते हैं
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