खरबूजा (Muskmelon) एक स्वादिष्ट फल है और यह गर्मियों में तरावट देता है. इसके बीजों का इस्तेमाल मिठाई को सजाने में किया जाता है.
इसके बीज पेट से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद होते हैं. इनमें विटामिन- C और शर्करा की प्रचुर मात्रा होती है.
पेटा काश्त तकनीक से खरबूजे की खेती किसानों को ज्यादा मुनाफा करा सकती है. इस तकनीक से खेती में उर्वरक का इस्तेमाल नहीं होता है.
खरबूजा बाड़ी में 'कजरी' किस्म का बीज बोया जाता है. इस किस्म का खरबूजा गहरे हरे से लेकर हल्के भूरे रंग का होता है और इस पर काली सफेद धारियां होती है.
औसतन एक फल का वजन 500 ग्राम से 1 किग्रा तक होता है. कम वजन और छोटे आकार की वजह से फल ज्यादा समय तक ताजे रहते हैं.
बुवाई से पहले बीजों को ठंडे पानी से धोते हैं. फिर बोरी में 300-500 ग्राम बीज की पोटली बनाते हैं. इस पोटली को गुनगने पानी के छींटे डालते हैं.
फसल में 2 महीने बाद यानी मई के आसपास फूल आने लगते हैं. बुवाई से ढाई से तीन महीने बाद खरबूजे मंडी में बेचने लायक हो जाते हैं.
फरवरी-मार्च में लगाई हुई खरबूजा बाड़ी से जून तक कमाई होती रहती है. किसान इससे लगभग 2 लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमा सकते हैं.
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