1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 6वीं बार बजट पेश करेंगी. इस बार का बजट 'वोट ऑन अकाउंट' होगा
भारत के पहले बजट से लेकर हर साल बजट के कागजों को रखने के लिए ब्रीफकेस से लेकर बहीखाते और टैबलेट तक का इस्तेमाल हुआ
इन सभी चीजों का डिजाइन को लेकर कई प्रयोग किए गए लेकिन ब्रीफकेस, बहीखाते और टैबलेट का रंग लाल ही रहा
बजट के ब्रीफकेस में लाल रंग का इस्तेमाल 1860 में हुआ. ब्रिटिश चांसलर ग्लैडस्टन ने फाइनेंशियल पेपर्स के बंडल लाने के लिए चमड़े से लाल रंग का खास बैग तैयार कराया
उस वक्त बजट के लाल रंग के चमड़े के बैग ने सबका ध्यान आकर्षित किया और यही परंपरा आगे बढ़ती गई
ऐसा माना जाने लगा कि लाल रंग आसानी से लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेता है
हालांकि 1958 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल रंग के बजाय काले रंग के ब्रीफकेस में बजट के कागजातों को पेश किया
1991 में मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान बजट के बैग का रंग फिर से लाल कर दिया गया
भारत के पहले बजट से लेकर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल तक, बजट के लिए लैदर से बने ब्रीफकेस और बैग ही इस्तेमाल किए गए
लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लैदर के बैग और ब्रीफकेस की परंपरा को तोड़ा
तब से लेकर आज तक हर के फाइनेंशियल बजट में वित्त मंत्री सीतारमण लाल रंग के बहीखाते में बजट को पेश करती हैं
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