गेहूं की खेती के लिए सही समय पर और आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें.
फसल को कीट, पतंगों और बीमारियों से बचाने के लिए समय पर उपाय करें.
नाइट्रोजन अच्छा यूज करने से दानों की संख्या बढ़ती है.
पौधों को कैल्शियम नाइट्रेट दें ताकि वे मिट्टी से पोषक तत्व ले सकें.
फसल में आवश्यक पोषक तत्वों की सही मात्रा सुनिश्चित करें.
शीतलहर और पाले से बचाने के लिए समय पर हल्की सिंचाई करें.
चेल्टेड ज़िंक, मैग्नीशियम सल्फेट, मैंगनीज सल्फेट और यूरिया का घोल छिड़क सकते हैं.
संक्रमित पौधों को तुरंत निकालकर खेत से बाहर फेंकें.
झुलसा जैसी बीमारियों से बचाने के लिए फसल की नियमित निगरानी करें.
उन्नत किस्मों के और रोग प्रतिरोधी बीजों का इस्तेमाल करें.
खरपतवार निकालें और खेती से पहले मिट्टी की जांच करें.
(नोट:खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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