गारंटीड रिटर्न और जोखिम न होने के कारण एफडी को बेस्ट मानते हैं.
ट्रेजरी बिल में शॉर्ट टर्म में एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है.
ट्रेजरी बिल क्या है: सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को आरबीआई के जरिए नीलाम किया जाता है.
अब बैंक और संस्थानों के साथ रिटेल निवेशक भी ट्रेजरी बिल में निवेश कर सकते हैं.
ट्रेजरी बिल पर फिक्स ब्याज तय समय पर मिलता है.
ये 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन की अवधि के होते हैं.
इन्हें उनकी वास्तविक कीमत से कम पर खरीदा जा सकता है.
ट्रेजरी बिल में कम से कम ₹25,000 का निवेश करना होता है.
टी-बिल में निवेश और मेच्योरिटी का पैसा पाने के लिए डीमैट अकाउंट होना चाहिए.
टी-बिल से होने वाला रिटर्न शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में आता है.
इसमें पैसा डूबने का खतरा नहीं है क्योंकि सरकार इसकी गारंटी देती है.
डिस्काउंट पर खरीदे गए टी-बिल्स की मेच्योरिटी पर वास्तविक कीमत मिलने से लाभ होता है.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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