इंटरनेट ब्राउज के टाइम कभी अजीब एड्स का आना फोन हैक होने का संकेत हो सकता है.
अगर नॉर्मल यूज के बाद भी डेटा खर्च बढ़े,तो सतर्क हो जाएं.
बिना डाउनलोड किए नए ऐप्स का फोन में आना मैलवेयर का संकेत हो सकता है.
नॉर्मल यूज के बाद भी बैटरी जल्दी खत्म हो रही है, तो फोन में स्पाइवेयर हो सकता है.
बिना यूज के कैमरा इंडिकेटर लाइट का जलना बड़ा खतरा हो सकता है.
फोन का धीमा होना या अजीब एक्टिविटी का होना भी हैकिंग का संकेत है.
किसी भी संदिग्ध ऐप को अनइंस्टॉल कर दें.
फोन हैक का शक हो तो सभी अकाउंट्स के पासवर्ड तुरंत बदलें.
एंटी-वायरस या सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें.
फोन और ऐप्स को हमेशा लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें.
(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)
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