निवेशकों के लिए अच्छी खबर आई है.
असल में ट्रेडिंग के रूल बदलने वाले हैं.
अब ट्रेडिंग खाते इनएक्टिव होने की सीमा बढ़कर 2 साल हुई है.
पिछले साल नवंबर में जी बिज़नेस ने बताई थी ये खबर.
अभी 12 महीने तक डेबिट ट्रांजेक्शन नहीं हुए तो ये इनैक्टिव होंगे.
MF/ IPO/ SGB/ EGR के सौदे किए तो सक्रिय में गिनती होगी.
OFS/ बायबैक/ ओपन ऑफर में हिस्सा लिया तो भी सक्रिय होगी.
कैश/ डेरिवेटिव/ करेंसी/ कमोडिटी/ Debt सौदे भी सक्रिय में मान्य होगा.
ई-मेल/ मोबाइल/ पता बदला/ KYC तो एक्टिव माने जाएंगे.
इनैक्टिव के बाद एक्टिव होगा तभी इन पर्सन वेरिफिकेशन होगा.
वीडियो इन पर्सन वेरिफिकेशन से भी एक्टिवेशन संभव होगा.
एक्टिव नहीं होने पर नए नियम से एक्टिव माने जाएंगे.
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